New India में लिंग-न्यायपूर्ण समाज बनाने की दिशा में, भारत सरकार ने अलग-अलग क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी कदम उठाए हैं. लैंगिक न्याय संविधान के अहम हिस्सों में से एक है. Gender Justice को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई ज़रूरी पहले लागू कर रही है.
Gender Justice को प्राथमिकता दे रहा भारत
भारत वर्तमान में दुनिया के उन 15 देशों में से एक है जहां महिला राष्ट्राध्यक्ष हैं. भारत में वैश्विक औसत से 10% अधिक महिला पायलट हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला एयरलाइन पायलट सोसायटी के अनुसार, विश्व स्तर पर लगभग 5 % पायलट महिलाएं हैं. भारत में, महिला पायलटों की हिस्सेदारी 15 % से ज़्यादा है.
लिंग-आधारित मुद्दों से निपटने के लिए, कई कानून (women centric schemes) बनाए गए हैं, जिनमें 'घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम, 2005', 'दहेज निषेध अधिनियम, 1961', 'बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006' शामिल हैं. इन कानूनों का लक्ष्य महिलाओं को विभिन्न प्रकार की हिंसा से बचाना, उचित व्यवहार सुनिश्चित करना और रूढ़िवादी प्रथाओं पर रोक लगाना है.
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Political Empowerment से होगा Women Empowerment
सरकार ने राजनीति में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. पंचायती राज संस्थानों (PRI) और समेत कई पहलों में महिलाओं के लिए कम से कम एक तिहाई आरक्षण के साथ, भारत विश्व स्तर पर निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की सबसे बड़ी संख्या में से एक है. केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों में महिलाओं को शामिल करने के प्रयासों से, भारत लैंगिक समानता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है.
महिला रेसर्वेशन बिल (Women’s Reservation Bill) को पहली बार संसद में पेश किए जाने के सत्ताईस साल बाद, लोकसभा में मंज़ूरी मिली है. इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण (33% reservation to women) देने की बात कही गई. बेशक यह विधेयक भारतीय राजनीति में महिलाओं (women in Indian politics) की मौजूदगी को बढ़ाकर उनके विकास का रास्ता आसान करेगा.
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शिक्षा और रोज़गार से होगी आर्थिक आज़ादी हासिल
शिक्षा और रोज़गार आर्थिक आज़ादी हासिल करने की पूंजी है, इसलिए महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास शिक्षा और रोजगार तक जा पहुंचे हैं. प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों का सकल नामांकन अनुपात (GIR) लड़कों के बराबर है, और विज्ञानज्योति जैसी पहल एसटीईएम क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है. इसके अलावा, सरकार ने महिलाओं के लिए अनुकूल कार्य वातावरण बनाने के लिए हालिया श्रम संहिताओं में सक्षम प्रावधान शामिल किए हैं.
Directorate General of Civil Aviation (DGCA) ने भारत की सभी अनुसूचित एयरलाइनों और प्रमुख हवाईअड्डा संचालकों को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) 25 By 2025 पहल में भाग लेने के लिए कहा. इसका उद्देश्य वर्तमान में रिपोर्ट किए गए मेट्रिक्स के मुकाबले वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की संख्या 2025 तक 25% तक बढ़ाना है.
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Financial aur Digital Inclusion से मिल रहे समान अवसर
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ENAM) जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और किसानों के लिए तैयार किए गए मोबाइल एप्लिकेशन महिलाओं को बाजारों तक पहुंचने में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद कर रहे हैं. ये नवाचार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए financial Inclusion और आर्थिक अवसरों को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं.
मिशन शक्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर जैसी पहले जीवन के अलग-अलग पहलुओं में महिलाओं को सशक्त बनाने पर ध्यान दे रहे हैं. दीनदयाल अंत्योदय योजना (DAY-NRLM), महिला हेल्प लाइन और नारी अदालत जैसी महिला केंद्रित पहले महिलाओं को सुरक्षा देकर, उन्हें आर्थिक आज़ादी हासिल करने में मदद कर रही हैं.
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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग 40 मिलियन मकान स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं. इससे न केवल आश्रय मिला है बल्कि वित्तीय निर्णय लेने में महिलाओं की भागीदारी भी बढ़ी है.
G20 Presidency के दौरान ग्लोबल लेवल पर दिया Women Led Development का संदेश
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम फ़ूड प्रोसेसिंग, मत्स्य पालन और हथकरघा बुनाई सहित आय सृजन गतिविधियों में लगी महिला सहकारी समितियों का उत्थान करता है. स्वयं सहायता समूह ग्रामीण महिलाओं को उद्यमिया से जोड़कर उनके आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान दे रहे हैं.
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Women Empowerment के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत सामाजिक, राजनीतिक, शैक्षिक और आर्थिक क्षेत्रों में महिलाओं को बढ़ावा दे रहा है. G20 Presidency के दौरान भी भारत ने ग्लोबल लेवल पर Women Led Development के प्रयासों को प्राथमिकता दी है. सरकार द्वारा अपनाया गया बहु-आयामी दृष्टिकोण महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दृष्टि को दर्शाता है, जो समावेशी और न्यायसंगत समाज को बढ़ावा देता है.