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झाबुआ की गुड़िया और आदिवासी संस्कृति राष्ट्रपति भवन तक पहुंची. इस संस्कृति को बचाने और गुड़िया बनाने वाले दंपति को पद्मश्री से भी नवाज़ा गया. आदिवासी संस्कृति को बचाने के लिए झाबुआ में कई संस्थाएं काम कर रहीं.
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