मध्यप्रदेश (MP) के बालाघाट (Balaghat) में सहकारी धान खरीदी में इस बार Self Help Group की महिलाएं सेंटर पर दिखाई नहीं देंगी. जिला प्रशासन ने धान की 1 दिसंबर से होने वाली खरीदी में SHG की भूमिका को नहीं रखा. समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन से इस बारे में मांग की.
Balaghat के SHG ने सौंपा ज्ञापन
बालघाट (Balaghat) के Self Help Group की महिलाओं ने आक्रोश व्यक्त किया. 1 दिसंबर से जिले में शुरू होने वाली धान खरीदी केंद्र (Purchasing Paddy Center) में सक्रिय भूमिका देकर सेंटर आवंटन करने की मांग की. यही नहीं SHG की महिलाओं ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से मिलकर अपनी मांग रखी. आक्रोश जताया. इन्हीं समूह की सदस्यों ने पिछले साल कई सेंटर की कमान संभाली थी.
आजीविका स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) समनापुर की सदस्य कौशल्या बाई ने बताया- "पिछले साल धान खरीदी की जिम्मेदारी मिली थी.समूह ने ईमानदारी के साथ काम कर धान खरीदी में कोई अनियमितता नहीं की.बावजूद इसके इस वर्ष धान खरीदी का काम नहीं मिला."
178 सेंटर्स में एक भी SHG को नहीं
बालाघाट (Balaghat) जिले में धान खरीदी के 178 सेंटर्स बनाए गए. किसानों को स्लॉट आवंटित किए गए. 1 लाख 17 हजार 596 किसानों ने अपना पंजीयन धान बिक्री के लिए कराया.
गोंडवाना स्वयं सहायता समूह (Self Help Group), माना की भगवंती उइके ने बताया- "पिछले साल परसामऊ और गढ़ी के धान खरीदी केन्द्र हमारे समूह को मिला था. हमें इस रोजगार से फायदा हुआ था. इस बार भी दिया जाए."
बालाघाट (Balaghat) में स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की महिलाओं ने ट्रेडिशनल खेती (Traditional Farming), प्रोडक्शंस में बढ़िया काम कर रहीं हैं. एक साल के अनुभव के बाद भी यदि SHG को धान खरीदी काम से दूर रखना प्रशासन की प्रक्रिया समझ के परे है. इस कदम से समूह की महिलाओं को रोजगार से हटाकर कमाई का एक साधन भी छीन लिया. यह अव्यवस्था और समूह को दूर करना शर्मिंदा (Sharminda) करता है.