MP के Seoni जिले में self help group की कुछ महिलाओं ने सरकार और जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की. SHG को बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों की यूनिफॉर्म बनाने का काम दिया.समूह की ने काम की करने बजाए ऐसे विकल्प चुना कि सशक्तिकरण व्यवस्था को ही शर्मिंदा कर दिया.
यूनिफॉर्म बनाने की बजाए बाज़ार से खरीद लाए SHG
MP का Seoni जिले में self help group की महिलाओं भी Ajeevika Mission और जिला प्रशासन की ओर से कई काम दिए गए. जिले के ही गोपालगंज और छुई ब्लॉक के स्वयं सहायता समूह को स्कूली बच्चों के लिए यूनिफॉर्म तैयार करने का ऑर्डर मिला. आजीविक मिशन के अधिकारियों का मकसद समूह की महिलाओं की आय बढ़ाना था.साथ ही हुनरमंद महिलाओं को अलग से मौका भी मिले.
परंतु गोपालगंज और छुई ब्लॉक की self help group की महिलाओं ने यूनिफॉर्म तैयार ही नहीं की,बल्कि बाज़ार से अरेंज कर सप्लाई की व्यवस्था कर दी.जिला प्रशासन को भनक लगी. जिला पंचायत (ZP)के CEO Pawar Vijay Navjeevan ने खुद इसे गंभीरता से लिया. अचानक कार्रवाई के बाद School Uniform Dress से भरे बोरे जब्त कर सील कर दिए.
प्रशासन द्वारा यूनिफॉर्म से भरे जब्त बोरे (Image Credits: Lalluram dot com)
इस कार्रवाई के बाद सवाल खड़े हुए आखिर किसके इशारे पर समूह की महिलाओं ने इतनी हिम्मत की.फ़िलहाल जांच की जा रही.
सीताफल और फूलों की बहार से बनी पहचान
यह वही जिला है जहां SHG की महिलाओं ने अपनी मेहनत और एकजुट होकर सीताफल के बगीचे संभाले. Custard Apple Farming का का कारोबार कर कई राज्यों में सप्लाई किया.ऐसे ही कुछ समूह की महिलाओं ने Marigold Flowers Farming की खेती बल्क में कर लाखों रुपए का कारोबार कर जिले को महका दिया. Ajeevika Mission District Project Manager (DPM) Aarti Chopra ने खुद महिलाओं की ट्रेनिंग की व्यवस्था कर आत्मनिर्भर बनाने में मदद की.
प्रदेश में यह कोई पहला जिला नहीं है बल्कि ऐसे कुछ जिले और भी हैं जहां SHG की महिलाओं ने शॉर्टकट ढूंढने के लिए अपने जिले की साख गिरा दी. सिवनी जिले में ऐसे समूह पर जरूर कसावट लाना होगी जो जिले की मेहनत को शर्मिंदा कर रहे.