तीज-त्योहारों पर युवतियों और महिलाओं का सजना-संवरना उनके शरीर विशेषकर चेहरे के लिए परेशानी का कारण बन रहा. युवतियां बिना किसी एक्सपर्ट (Expert) से सलाह लिए बिना सस्ती क्रीम का उपयोग कर रहीं. डॉक्टर्स और ब्यूटी एक्सपर्ट (Beauty Expert) ने ऐसी घटनाओं पर चिंता जताई.
स्टेरॉयड का हो रहा दुरूपयोग, अस्पताल में कई केस
आजकल गोरे (Fair) और एक्स्ट्रा आर्टिफिशियल स्मार्ट दिखने के चक्कर में युवा सहित युवतियों और महिलाओं के चेहरे झुलस रहे.
मध्य प्रदेश (MP) के सबसे बड़े अस्पतालों में से एक इंदौर (Indore) के एमवाय हॉस्पिटल (MY Hospital) में रोज़ाना के कई केस आ रहे. अस्पताल के Dermatology Department के डॉक्टर शिरोफिना, डॉ. दीपाली सेंगर और आकाश कटारा ने बताया- "इस समय डर्मोलॉजी डिपार्टमेंट में 400-500 मरीज़ रोज़ आते हैं. इनमें 80 से ज्यादा पेशेंट की शिकायत चेहरे पर दाग और झुलसने के साथ ख़राब होने की आती है. इसका कारण बिना सलाह कई तरह की क्रीम यूज़ करना ही है."
इस तरह के केस को लेकर MGM मेडिकल कॉलेज,इंदौर (MGM Madical Collage, Indore) के Associate Professor एवं डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.राहुल नागर (Dr.Rahul Nagar )कहते हैं- "मरीज़ गोरे होने के दावे पर भरोसा कर स्टेरॉयड का दुरुपयोग कर रहे. दरअसल मेडिकल साइंस स्किन खासकर चेहरे की कोमलता के कारण स्ट्रांग स्टेरॉयड जैसे क्लोबेटोसॉल आदि को चेहरे पर लगाने का सुझाव नहीं देता.हाइड्रो कॉर्टिसॉल जैसे स्टेरॉयड को भी अधिकतम 10 दिन से अधिक नहीं लगाने का हम सुझाव देते हैं. कथित ब्यूटीशियन और कुछ मेडिकल संचालक सीधे ग्राहकों को थमा देते हैं. यह आंखे, चेहरा स्थाई रूप से ख़राब कर सकता है."
गोरा दिखाने की महिलाएं कर रहीं ज़िद
कारवांचौथ, हरतालिका हो या रूप चौदस-दीवाली पर महिलाएं अधिक तैयार होने के लिए मेहनत करतीं हैं. लगभग 8 सालों से अस्तित्व ब्यूटी स्टूडियो और एकेडमी (Academy) चलाने वाली संचालक मीनाक्षी मुखर्जी (Minakshi Mukharji) बतातीं हैं- "यह सही है शादी जैसे उत्सव और धार्मिक पर्वों पर कई महिलाएं गोरा दिखाने के लिए ज़िद करती हैं. जबकि हम किसी की भी बॉडी के पिग्मेंटेशन्स Clour को चेंज नहीं कर सकते. यह समझाना कठिन हो जाता है कि स्किन ग्लो (Skin Glow) कर सकती है. और वही असली सौंदर्य है. हमेशा एक्सपर्ट से ही सलाह लेकर अपना ट्रीटमेंट करवाना चाहिए."
इंदौर के अस्तित्व ब्यूटी एकेडमी में ट्रीटमेंट करती मीनाक्षी मुखर्जी (Image: Ravivar Vichar)
सस्ते के लालच में कई महिलाएं चेहरे के साथ शारीरिक नुकसान कर रहीं हैं. क्रीम या फेशियल ट्रीट अलग-अलग स्किन के लिए अलग-अलग तरीके से लागू होता है.
अधिकांश एक्सपर्ट ब्यूटीशियंस का कहना है हर्बल (Harbal) या प्रोडक्ट्स की डिटेल्स पढ़ कर ही यूज़ करना चाहिए.
SHG की महिलाएं रहती हैं सतर्क
आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) से जुड़े स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) की कई महिलाएं भी रोजगार के लिए ब्यूटी पॉर्लर (Beauty Porlour) संचालित कर रहीं. आजीविका मिशन, देवास (Dewas) की जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) शीला शुक्ला ने बताया- "हम इच्छुक सदस्य को पहले ब्यूटी पॉर्लर का कोर्स करवाते हैं, जिससे कहीं भी चूक न हो."
पन्ना (Panna) जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) प्रमोद शुक्ला कहते हैं- "जिले में कई महिलाएं ग्रामीण इलाकों में यह पॉर्लर चला रहीं. ऐसे में महिलाओं को पूरी तरह से ट्रेनिंग के बाद ही संचालन का कहा जाता है."