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युवा ग्राम्य विकास समिति के संचालित रिसर्च और डेवलपमेंट संस्था साईं इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट के अजय सिंह ने बताया- "इस कार्यक्रम की शुरूआत छह अक्तूबर को गांधी जयंती (Gandhi Jayanti)के स्वच्छता पखवाड़ा में होगी." काशी के मंदिरों में चढ़े फूलों से अगरबत्ती, धूप, हर्बल, गुलाल, तुलसी पाउडर और खाद निर्माण शुरू होगा।
भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले फूलों से अगरबत्ती और खाद बनाने की योजना शुरू कर रही. यह प्रोडक्ट पूरी तरह बिना किसी केमिकल, बंबूलेस और चारकोल फ्री अगरबत्तियां व धूप बत्ती होंगे. इसमें स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जोड़ा जाएगा. वाराणसी (Varanasi) जिला प्रशासन ने इस योजना के लिए कुछ इच्छुक Self Help Group को चयनित किया. लगभग 200 महिलाएं इस मिशन में जुटेंगी.
काशी विश्वनाथ मंदिर का शिखर जो आस्था केंद्र है (Image क्रेडिट: Daccan Herald)
इस पहले के लिए यूपी के मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ (Yogi Aditynath) ने खास रूचि ली. सीएम (CM) योगी (Yogi) ने कहा- "काशी (Kashi)के मंदिरों में अर्पित होने वाले फूल अब रोजगार का नया साधन बनेंगे.फूल ना तो कचरे में फेंके जाएंगे और ना ही नदी में बहाए जाएंगे.उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में SHG से जुड़ी महिलाओं को लगातार नए-नए रोजगार से जोड़ा जा रहा है."
गुलाब के फूलों की पंखुड़ियां जिससे प्रोडक्ट्स बनेंगे (Image: Ravivar Vichar)
मंदिर से रोजाना 50 टन फूल-माला और निर्माल्य लेने की तैयारी है.इसके बाद शहर के दूसरे मंदिरों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा. यहां तैयार होने वाली खाद का लाभ सीधे किसानों को मिलेगा.