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इंदौर के हाट बाजार मेले में शामिल समूह की महिलाएं और खरीदार (Image : Ravivar Vichar)
Self Help Group की महिलाओं ने हिस्सा लिया. मेले में 40 से ज्यादा स्टॉल्स लगे. 400 से ज्यादा परिवार समूहों के सीधे इस मेले से जुड़ गए. इस मेले में हेंडीक्राफ्ट आइटम्स के अलावा सेनेटरी पेड, घरेलु मसाले, सजावटी आइटम्स और कई तरह के पापड़ भी समूह ने रखे. खास बात यह रही कि समूह की दीदियों ने मोटा अनाज (Millets) मक्का, ज्वार सहित ट्रेडिशनल (Traditional) अमाड़ी की भाजी को भी प्रमोट किया. यह डिश चर्चा में रही.
उत्साह और आत्मविश्वास का है मेला
इस मेले में लगे स्टॉल्स को खुद महिलाओं ने ही संभाला. अतिथि जिला पंचायत (ZP) अध्यक्ष रीना मालवीय (Reena Malviya)ने कहा- "जब घरेलु महिलाओं को इस हुनर के साथ देखते हैं तो ख़ुशी होती है. यह मेला उत्साह और हुनर का है. महिलाओं ने साबित कर दिया कि अवसर मिले तो महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं. इस मेले में महिलाओं को और सीखने को मिलेगा."
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मेले के मंच से समूह सदस्यों को चेक दिए गए (Image : Ravivar Vichar)
मेले में हर ब्लॉक से समूह अपने प्रोडक्ट्स के साथ शामिल हुए.
जनपद पंचायत (JP) के अध्यक्ष विश्वजीत पटेल ने कहा- "किसी समय महिलाएं बैंक नहीं जाती थी. यह सर्कार की योजनाओं का ही असर है कि महिलाएं पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बैंक जा रही. खुद कारोबार कर रही."
पैसे से बढ़ी घर की चमक
इस मेले में शामिल समूह की महिलाएं बहुत खुश नज़र आईं. सांवेर ब्लॉक के चन्द्रावतीगंज गांव की मां लक्ष्मी समूह (SHG) की मुन्नी बाई कहती हैं- "मैं खजूर की पत्तियों से झाड़ू के अलावा कई सजावटी सामान और लैंप सहित कई सामान बनाती हूं. समूह से जुड़ने के बाद मेरी कमाई बढ़ी. पैसे से घर में भी चमक बढ़ गई. यही हाल सभी स्टॉल्स पर समूह की सदस्यों के थे."
देपालपुरब्लॉक के माचल गांव की प्रियंका चौहान बताती है- "मैं वाशिंग लिक्विड बनाती हूं. इसके अलावा फिनाइल भी तैयार कर बेचते हैं. पहले तो घर में ही रहते. कोई काम नहीं था. समूह से जुड़ कर ज़िंदगी ही बदल गई. हमारे परिवार में मदद करने लगी हूं."
तीन सालों में महिलाओं ने संवार दिया परिवार
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समूह की कई महिलाओं को स्कूटी भी दी गई (Image : Ravivar Vichar)
आजीविका मिशन (Ajeevika Mission) की शुरुआत इंदौर (Indore) जिले में कुछ देर से हुई. मिशन (Mission) के जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) हिमांशु शुक्ला (Himanshu Shukla) ने बताया- "जिले में 2018 से मिशन की शुरुआत हुई. कोरोना में समूह के काम भी भी प्रभावित हुए. लेकिन महिलाएं हिम्मत नहीं हारी. केवल तीन सालों में मेहनत कर घर को आर्थिक रूप से संवार दिया. जिले में 4200 SHG में लगभग 50 हजार परिवार जुड़ गए. प्रदेश में समूह ने अपने प्रोडक्ट्स से अलग पहचान बनाई."
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मेले में अवलोकन करती जिला पंचायत अध्यक्ष रीना मालवीय (Image : Ravivar Vichar)
इस मौके पर मौजूद जनपद की सीईओ प्रियंका टैगोर न कहा- "मेले में समूह को नए अवसर मिल रहे. मैं चाहती हूं कि समूह के प्रोडक्ट्स की अधिक से अधिक बिक्री हो."
एडवांस टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग पर फ़ोकस
हाट बाजार में लगे आजीविका मेले (Ajeevika Mela) में 19 Self Help Group को 87 लाख के चेक दिए. साथ ही समूह (SHG) की चयनित महिलाओं
को स्कूटी भी सौंपी. अतिथि जिला पंचायत(ZP) की सीईओ (CEO) वंदना शर्मा (Vandna Sharma) ने कहा- "यह बहुत बड़ी बात है कि समूह की महिलाएं खुद को सक्षम बनाए के लिए योजनाओं का लाभ ले रहीं. समूह को शहरी मार्केट में प्रोडक्ट्स बिक्री के लिए क्वालिटी पर ध्यान देना होगा. कोशिश करेंगे कि अर्बन मार्केटिंग और डिमांड के लायक समूह सदस्यों को तैयार करने के लिए ट्रेनिंग दिलवाई जाए. एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ मशीनें भी हो. NEFT और IHM जैसी संस्थाओं से ट्रेनिंग व्यवथा हो."
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मेले में अवलोकन करती जिला पंचायत सीईओ वंदना शर्मा (Image : Ravivar Vichar)
आयोजन में समूह की महिलाओं ने ही कमान संभाली. मिशन की जिला प्रबंधक (DM) जयंती झावरिया, रेणुका भार्गव सहित ब्लॉक मैनेजर (BM) विजय पांचाल, माधवी, श्वेता सुसलादे और मनोज दीवान सहित अन्य सटाफ मौजूद था.
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