ग्रामीण भारत की रूप रेखा बदलती ग्रामीण आदिवासी महिलाएं
वीडियो : भारतीय समाज की मौलिक शक्ति महिलाएं है. महिलाएं न सिर्फ अपनी ममता और संकल्पना से अपने परिवार के साथ पूरे समाज को आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरित करतीं है.
नक्शली क्षेत्रों से आती महिलाओं को बनाया आत्मनिर्भर
छत्तीसगढ़ (Chhatisgarh) दंतेवाड़ा (Dantewada) की रहने वाली सुश्री बुधरी ताती (Budhri Tati) ने नक्शल क्षेत्र से आती 551 महिलाओं को शिक्षा लेने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि जब पढ़-लिखकर महिलाएं साक्षर होंगी तब वह मानसिक रूप से साहसी और काम करने के लिए प्रेरित होंगी. बुधरी ने न सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर (AATMANIRBHAR) बनाकर आर्थिक आज़ादी दिलाई बल्कि समाज में सुधार लाने के लिए नई दिशा भी दिखाई.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के झाबुआ (Jhabua) जिले के पित्तोल गांव की रहने वाली भील कलाकार भूरी बाई (Bheel Artist Bhuri Bai) को आज कौन नहीं जनता. भील सम्प्रदाय की परंपरागत कला को उन्होंने भोपाल के भारत भवन (Bharat Bhawan Bhopal) में उकेरा. भूरी बचपन से ही अलग अलग रंग बनाकर दीवालों में अपनी कला को पिरोती थी , किसी भी तीज त्यौहार, शादी में वह अपनी कला को दीवालों में उकेरती थी