अनुभूति के ज़रिये ट्राइब्स को बदलाव का अनुभव करवा रहीं है दीपा पवार
वीडियो : भारत में डीनोटिफाइड ट्राइब्स की संख्या करीब 150 है , वहीं घुमंतू जनजातियों की जनसंख्या में लगभग 500 समुदाय शामिल हैं .सामाजिक-आर्थिक रूप से हाशिए पर रह रहे ये लोग मुख्य धारा से अलग होने की वजह से कई तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं.
दीपा पवार ने NT-DNT के उत्थान को बनाया जीवन का लक्ष्य
दीपा पवार(Deepa Pawar) ने इनसमुदायों के उत्थानको अपने जीवन का लक्ष्य बनाया.2015मेंअनुभूति चैरिटेबल ट्रस्ट(Anubhuti Charitable Trust) शुरू किया.अनुभूति चैरिटेबल ट्रस्ट मुंबई के स्लम क्षेत्रों(Mumbai slum areas) में आदिवासीऔर प्रवासी समुदायों(tribal and migrant communities) मेंयुवाओं की प्रगति(youth development) के लिए काम करता है.
अच्छे से समझती है अपने समुदाय की परेशानियां
राजस्थान (Rajasthan) कीलोहार जनजाति(Lohaar tribe) से आने वालीदीपाका परिवार,समुदायके लोगों के साथ,80 के दशकमेंमहाराष्ट्र (Maharashtra) चले गए. उनकीजनजातिआज भीशिक्षा, आय सुरक्षा औरजागरूकताकी कमीजैसी कईसामाजिक बाधाओं(social challenges faced by tribes in Indian) का सामना कर रही है.