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Dr. Nandini Mohta बताती है- "जब भी मैं जाती और उनके रिश्तेदारों को कोई बच्ची देती, मैं मुस्कुराती और कहती- "माउशी, लक्ष्मी आली, माला मिठाई पाईजे" (लक्ष्मी आई हैं, मुझे मिठाई चाहिए!)
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